उछलती उत्साहित सहमतियाँ
साहसपूर्ण संभावनाओं का बेहिचक आलिंगन
कुल्मुलाती उत्कंठा पाती सुखद सुरक्षित आमंत्रण
अपने छुद्र अस्तित्व से उठ कर
कुछ ब्रह्मांडीय छूने का अन्गढ़ा सा अहसास
और स्वच्छ जीवन शक्ति का निर्मल उल्लास
सही है
समय का दर्पण
सही है
जन भावनाओं का मूर्तीकरण
पर संशय क्यों
और कुछ भय भी
साहसपूर्ण संभावनाओं का बेहिचक आलिंगन
कुल्मुलाती उत्कंठा पाती सुखद सुरक्षित आमंत्रण
अपने छुद्र अस्तित्व से उठ कर
कुछ ब्रह्मांडीय छूने का अन्गढ़ा सा अहसास
और स्वच्छ जीवन शक्ति का निर्मल उल्लास
सही है
समय का दर्पण
सही है
जन भावनाओं का मूर्तीकरण
पर संशय क्यों
और कुछ भय भी
(अन्ना आन्दोलन के दौरान )