उहापोह की झील में हिचकोले खाती महत्वाकान्छा
उकता देने वाली बहस से लम्बे इस जीवन का
चलो कुछ करें
कुछ पाप, कुछ संशय, कुछ अँधा जूनून
हसरतो के सरकते प्यालों में उकेरे हुए इन सपनो का
चलो कुछ करें
सहमा अधखुला अचकचाता सा इच्छाओं का झुरमुट
अँधेरे से पसरे इस सन्नाटे का
चलो कुछ करें
चौकीदार की रात सी लम्बी इस दिनचर्या में
इस पिटी हुई मादक रसिकता का
चलो कुछ करें