वो एक ख्वाब है
जो रोज कई उमरों को बुनता है
एक उफनता बिखराव
जो जादू बन के हँसता है
एक अबूझ रिश्ता जो
आज भी चौंकता है
अपने होने पर, फिर अपनी गहराई पर
खालिस आह्लाद
एक सांस लेता वैशिष्ट्य
वो आदमकद उन्माद
वो आदिम थिरक
मोहपाश जो
आत्मा की अनजानी परतों में इठलाता है
मतलब क्या ढूंढना
ऐसे आकर्षण तर्क के मोहताज नहीं होते।
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